इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा की। ये चुनाव दो फेज में होंगे। पहले फेज का इलेक्शन 6 नवंबर और दूसरे फेज का इलेक्शन 11 नवंबर को होगा। वहीं, 14 नवंबर को काउंटिंग होगी। चुनाव के इस माहौल में जानते हैं बिहार राज्य से जुड़ी ऐसी हर जानकारी जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्षेत्रफल के दृष्टि से बिहार देश का 12वां बड़ा राज्य बिहार भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक राज्य है। इसके उत्तर में नेपाल (7 जिलों से सीमा बनती है), दक्षिण में झारखंड (9 जिलों से सीमा बनती है), पूरब में पश्चिम बंगाल (3 जिलों से सीमा बनती है) और पश्चिम में उत्तर प्रदेश (7 जिलों से सीमा बनती है) स्थित है। वहीं, क्षेत्रफल के मामले में बिहार देश का 12वां बड़ा राज्य है। राज्य का क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रफल 92,257.51 वर्ग किलोमीटर और शहरी क्षेत्रफल 1,095.49 वर्ग किलोमीटर है। ये भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 2.86% है। समुद्र तट से बिहार की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। वहीं, समुद्र तल से इस राज्य की ऊंचाई 173 फीट है। ‘मैथिली’ संविधान में दर्ज इकलौती बिहारी भाषा हिंदी बिहार की राजभाषा और उर्दू द्वितीय राजभाषा है। वहीं, मैथिली भारतीय संविधान के अष्टम अनुसूची में शामिल एकमात्र बिहारी भाषा है। इसके अलावा, राज्य में भोजपुरी, मगही, अंगिका और बज्जिका अन्य प्रमुख भाषाएं और बोलियां हैं। राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 7.27% में वन वर्तमान में बिहार राज्य में लगभग 6,845 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में प्राकृतिक वन क्षेत्र रिजर्व हैं जो कि राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 7.27% है। ये प्राकृतिक वन पश्चिम चंपारण, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा, नालंदा, मुंगेर, बांका और जमुई जिलों में फैले हुए हैं। पश्चिम चंपारण को छोड़कर उत्तर बिहार प्राकृतिक वनों से रहित है। शिवालिक के तराई क्षेत्र में पश्चिम चंपारण जिले में प्राकृतिक साल के वन मिलते हैं। इसके अलावा दक्षिण बिहार में कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जमुई, मुंगेर और बांका जिले में साल के वन पाए जाते हैं।
बिहार के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य इनमें से वल्मीकि वन्यजीव अभयारण्य सबसे प्रसिद्ध है, क्योंकि यह बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व भी है।
बिहार की पर कैपिटा इनकम देश की एक तिहाई से भी कम टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत की पर कैपिटा इनकम यानी प्रति व्यक्ति आय 1.89 लाख रुपए है। वहीं, बिहार का पर कैपिटा इनकम 59,244 रुपए है। राजधानी पटना की पर कैपिटा इनकम 2,15,059 है, जो राज्य के अन्य जिलों के एवरेज से लगभग 4 गुना है। शिवहर जिले की पर कैपिटा इनकम सबसे कम 33,399 है। बिहार के कुल बजट का 21% शिक्षा के लिए वित्तमंत्री सम्राट चौधरी ने 3 मार्च, 2025 को विधानसभा में 3.17 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। ये वित्त वर्ष 2024-25 के बजट से 13.7% यानी 38,169 करोड़ रुपए अधिक था। इसमें शिक्षा और महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दी गई गई। मौजूदा वित्त वर्ष (2025-26) के बजट में बिहार सरकार ने शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा यानी 21.7% (करीब 61 हजार करोड़ रुपए) का प्रावधान किया है। वहीं, बिहार की कुल आय यानी सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 2025-26 के लिए 10.97 लाख करोड़ रुपए अनुमानित है, जो 2024-25 की तुलना में 22% ग्रोथ को दर्शाता है। 13 करोड़ से ज्यादा बिहार की आबादी 2 अक्टूबर, 2023 को बिहार राज्य सरकार ने जाति-सर्वेक्षण, 2023 के आंकड़े जारी किए। इसके साथ ही बिहार जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने वाला पहला राज्य बना था। इससे पहले देश में 1931 में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी हुए थे। तब से आज तक न ही देश के स्तर पर और न ही राज्य के स्तर पर जातिगत जनगणना के कोई आंकड़े जारी हुए थे। आंकड़ों के अनुसार, बिहार की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ है। इनमें से पिछड़ा वर्ग यानी OBC और अति पिछड़ा वर्ग यानी EBC संयुक्त रूप से राज्य की कुल आबादी का 63% हैं। बिहार में हिंदू धर्म की आबादी
बिहार में विधानसभा की 243 सीटें बिहार में लोकसभा की 40 और राज्यसभा की 16 सीटें हैं। इसके अलावा, बिहार में दो सदन होते है – विधानसभा और विधान परिषद। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। इन जनप्रतिनिधियों को सीधे जनता द्वारा चुना जाता है। वहीं, दूसरे सदन बिहार विधान परिषद में कुल 75 सीटें हैं। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष (इनडायरेक्ट्ली) रूप से चुने जाते हैं। बिहार भारत का 12वां राज्य है। बिहार की स्थापना 22 मार्च, 1912 को हुई थी। हर साल बिहार दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। साल 2025 में बिहार की स्थापना के 113 वर्ष पूरे हो गए। क्षेत्रीय पार्टियों की दबदबा है बिहार की राजनीति बहुत दिलचस्प है। यहां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अलावा क्षेत्रीय दल भी अपना वर्चस्व है। राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों की बिहार की राजनीति में अच्छी खासी पकड़ है। अब जनसुराज भी एक नए दल के रूप में उभरकर सामने आया है। बिहार की साक्षरता दर सबसे निम्न राष्ट्रीय जनगणना 2011 के अनुसार, बिहार की कुल साक्षरता दर 61.80% थी। इसमें पुरुष की साक्षरता दर 71.20% और महिला साक्षरता दर 51.5% है। साक्षरता की दृष्टि से भारत के राज्यों में बिहार का सबसे आखिरी स्थान 28वां है। सर्वाधिक लिटरेसी रेट वाला जिला रोहतास और न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिला पूर्णिया है। लिंगानुपात में बिहार 24वें नंबर पर साल 2011 की जनगणना के हिसाब से बिहार का सेक्स रेशियो यानी लिंगानुपात 918/1000 था। यानी हर 1000 पुरुष के मुकाबले 918 महिलाएं हैं। जबकि बच्चों का लिंगानुपात 935/1000 है। सबसे अधिक लिंगानुपात वाला जिला गोपालगंज, जबकि न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला मुंगेर है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत के राज्यों में केरल का लिंगानुपात सबसे अच्छा है, जहां प्रति 1000 पुरुषों पर 1084 महिलाएं हैं। बिहार का सबसे नया जिला अरवल बिहार में कुल 38 जिले हैं। इन जिलों को 9 प्रमंडलों में बांटा गया है, जिनमें पटना, मगध, सारण, तिरहुत, दरभंगा, कोसी, पूर्णिया, भागलपुर और मुंगेर शामिल हैं। बिहार का सबसे नया जिला अरवल है, जिसका गठन अगस्त 2001 में हुआ था। बिहार की 80% भूमि कृषि योग्य बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, यहां की 85% जनसंख्या कृषि पर आश्रित है। यहां कृषि योग्य भूमि 80% से ज्यादा है और लगभग 65-80% भू-भाग पर खेती की जाती है। यहां का मुख्य भोजन चावल है। यही कारण है कि यहां के सभी जिलों में धान की खेती की जाती है। बिहार में धान (चावल) मुख्य फसल है, जबकि लीची के उत्पादन में यह देश में अव्वल है। बिहार में खरीफ की खेती जून-जुलाई में मानसून के साथ शुरू होती है और नवंबर-दिसंबर में काट ली जाती है। इसमें धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर आदि उगाई जाती हैं। रबी की फसलें अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती हैं और मार्च-अप्रैल के महीने में तैयार हो जाती हैं। इसमें गेहूं, जौ, चना, मटर और सरसों आदि की खेती की जाती है। वहीं, जायद की फसलें रबी और खरीफ के बीच मार्च-जून में बोई जाती हैं, जिसमें तरबूज, खरबूजा और लौकी जैसी फसलें शामिल हैं। भारत में उत्पादन में बिहार का स्थान बिहार की प्रमुख नदियां- गंगा, घाघरा, सोन और कोसी बिहार में बहने वाली प्रमुख नदियों में गंगा, घाघरा, सोन और कोसी है। 1. गंगा : मूल रूप से यह नदी भागीरथी के नाम से गंगोत्री हिमनद (उत्तराखंड) से निकलती है। उत्तराखंड के देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा के संगम के बाद इसे गंगा के नाम से जाना जाता है। बिहार में इसकी लंबाई लगभग 445 किलोमीटर है। 2. घाघरा (सरयू) : नदी का उद्गम तिब्बत के पठार पर मानसरोवर झील के पास स्थित मापचोचुरा ग्लेशियर से होता है। बिहार में इसकी लम्बाई मात्र 83 किलोमीटर है। 3. सोन नदी : गंगा में दाहिनी ओर (दक्षिण दिशा) से मिलने वाली प्रमुख नदी है। इस नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अमरकंटक से होता है। ये रोहतास जिले से बिहार में दाखिल होती है और पटना के नजदीक गंगा नदी में मिल जाती है। 4. कोसी नदी : अपना मार्ग बदलने के लिये कुख्यात है। इस नदी में हर साल आने वाली भीषण बाढ़ के कारण इसे ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है। ये नदी सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया जिलों से बहते हुए गंगा नदी में मिल जाती है। बिहार की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट आंग है बिहार में मुख्य रूप से समतल भूमि है, लेकिन कुछ पहाड़ी क्षेत्र और पर्वतीय श्रृंखलाएं भी हैं, जो राज्य की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सोमेश्वर किला बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित है और यह बिहार की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई लगभग 879-880 मीटर (2,890 फीट) है। यह किला सोमेश्वर पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है, जो शिवालिक श्रेणी का विस्तार है। साथ ही, वाल्मीकि नगर और वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है। 1. राजगीर की पहाड़ियां- राजगीर पहाड़ियां बिहार राज्य के नालंदा जिले के राजगीर नगर के पास स्थित पहाड़ियां हैं। इनमें राजगीर को घेरने वाले पांच पहाडों के नाम रत्नगिरी, विपलांचल, वैभगिरी, सोनगिरी और उदयगिरी हैं। 2. कैमूर की पहाड़ियां- कैमूर की पहाड़ियां बिहार के कैमूर और रोहतास जिलों में फैली हुई हैं। ये पहाड़ियां विंध्याचल पर्वतमाला का हिस्सा हैं। इसका विस्तार बिहार के पश्चिमी हिस्से से लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से तक फैला हुआ है। 3. विंध्याचल की पहाड़ियां- विंध्याचल भारत के पश्चिम-मध्य भाग में स्थित गोलाकार पर्वतों की एक पर्वतमाला है। ऐतिहासिक रूप से इसे उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच का डिवाइडर माना जाता है। ये पर्वतमाला गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तक फैली है। 4. गृद्धकूट की पहाड़ियां- बिहार के राजगीर क्षेत्र में मौजूद एक प्रमुख पहाड़ी क्षेत्र है। यह पर्वत राजगीर की पहाड़ियों का हिस्सा है और बौद्ध धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 5. मुंगेर की पहाड़ियां- यह बिहार के मध्य-दक्षिण में स्थित हैं, जो खनिज समृद्ध पठार का हिस्सा हैं। बिहार की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट आंग इन्हीं पहड़ियों में स्थित है। 6. शिवालिक पर्वतमाला- पश्चिमी चंपारण जिले में इसका एक हिस्सा पाया जाता है, जो बिहार का एक पहाड़ी क्षेत्र है। 7. छोटा नागपुर पठार- यह कैमूर से जमुई तक फैला हुआ है और इसमें नीस, शिस्ट व ग्रेनाइट चट्टानें हैं। ————————————- ग्राफिक्स – अंकुर बंसल
