फ्रांस के 70 साल के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को पेरिस की एक अदालत ने गुरुवार को आपराधिक साजिश यानी क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी के आरोप में 5 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 1 लाख यूरो (लगभग 92 लाख रुपए) का जुर्माना लगाया गया और 5 साल तक कोई सरकारी पद लेने पर रोक लगा दी गई है। आधुनिक फ्रांस के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को जेल जाना पड़ेगा। हालांकि सरकोजी ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह मामला “राजनीतिक साजिश” है। माता-पिता के तलाक से लगा सदमा निकोलस सरकोजी के माता-पिता की शादी 8 फरवरी 1950 को हुई। हालांकि 1959 में ही दोनों का तलाक हो गया। इसका गहरा असर निकोलस के जीवन पर पड़ा। बाद में निकोलस ने कहा, ‘बचपन में मेरे साथ जो हुआ, जो बुरा बर्ताव किया गया, मैंने जो बेइज्जती सही, मैं आज जो भी कुछ हूं, उन्हीं अनुभवों की वजह से हूं।’ सरकोजी के पिता ने एडवर्टाइजिंग एजेंसी से खूब पैसा कमाया। हालांकि, सरकोजी कहते हैं कि उनके पिता ज्यादातर समय उनके लिए उपलब्ध नहीं रहे। इसी वजह से वो अपने दादा के साथ ज्यादा रहे। दादा का सरकोजी के जीवन पर भी गहरा प्रभाव रहा। फेल होने पर बदलना पड़ा स्कूल शुरुआत में निकोलस सरकोजी को पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूल भेजा। जब वो यहां फेल हो गए तो घरवालों ने उनका एडमिशन प्राइवेट स्कूल में कराया। निकोलस पढ़ाई में बेहद एवरेज स्टूडेंट थे। प्राइवेट स्कूल से बड़ी मुश्किल से उन्होंने पढ़ाई पूरी की। स्कूल के बाद निकोलस ने पेरिस नानतेरे यूनिवर्सिटी से प्राइवेट लॉ और बिजनेसल लॉ की डिग्री हासिल की। यूनिवर्सिटी में सरकोजी ने राइट-विंग स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन जॉइन कर ली जहां वो काफी एक्टिव रहा करते थे। यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी होने के बाद वो साइंसेज पो यानी पेरिस इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल साइंस गए। यहां वो 1979 से 1981 तक रहे। हालांकि वो यहां से डिग्री हासिल नहीं कर पाए क्योंकि उनकी अंग्रेजी भाषा कमजोर थी। पॉलिटिकल मेंटर की रिश्तेदार से पहली शादी की निकोलस सरकोजी की पहली शादी में राइट-विंग राजनेता चार्ल्स पासकुआ ने बेस्ट मैन की भूमिका अदा की थी। बाद में जाकर पासकुआ निकोलस के राजनीतिक विरोधी बन गए थे। सरकोजी की पहली पत्नी मैरी कूलिओली के अंकल अचीले पेरेत्ती 1947 से 1983 के बीच न्यूली के मेयर रहे। वो सरकोजी के पॉलिटिकल मेंटर भी रहे। सरकोजी ने भी न्यूली से ही अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी। सरकोजी और कूलिओली का दूसरा बेटा जिएन न्यूली का ही नेता है। न्यूली के मेयर के तौर पर सरकोजी की मुलाकात सिसिलिया सिगानेर अल्बेनिज से हुई। यह मुलाकात सिसिलिया के शादी के दिन थी। 1988 में सिसिलिया ने सरकोजी के लिए अपने पति को छोड़ दिया और एक साल बाद पति को तलाक दे दिया। मई 2005 में स्विट्जरलैंड के एक अखबार ने दावा किया कि सिसिलिया ने सरकोजी को मोरक्को के रिचर्ड एटियाज के लिए छोड़ दिया है। इस दौरान यह भी दावा किया गया कि सरकोजी की अफेयर पत्रकार एनी फुल्दा के साथ है। सिसिलिया से अलग होने के महीनेभर के अंदर सरकोजी कार्ला ब्रूनी से मिले। ह्यूमन बॉम्ब से सीधी बातचीत कर चर्चा में आए 23 साल की उम्र में निकोलस सरकोजी न्यूली के सिटी काउंसलर अपॉइंट किए गए। वो 1983 से 2002 के बीच न्यूली के मेयर भी रहे। 50 हजार पॉपुलेशन वाले किसी फ्रेंच शहर के वो सबसे कम उम्र के मेयर थे। 1988 में नेशनल असेंबली में वो डिप्टी मेयर बने। साल 1993 में निकोलस सरकोजी तब नेशनल न्यूज बने जब न्यूली के एक स्कूल को एक ह्यूमन बॉम्ब ने हाइजैक कर लिया था। सरकोजी ने उससे खुद ही बातचीत करने की कोशिश की थी। दो दिन बाद पुलिस ने उस ह्यूमन बॉम्ब को मार गिराया था। 30 अप्रैल 2004 को सरकोजी फाइनेंस मिनिस्टर बने। 2007 में वो फ्रांस के राष्ट्रपति बने। इसके बाद 2012 में वो हार गए और 2012 से 2014 तक वो राजनीति में एक्टिव नहीं रहे। साल 2014 में सरकोजी एक बार फिर अपनी पार्टी के लिए एक्टिव हुए और 2015 में पार्टी को इलेक्शन जिताया। 2020 में लगे भ्रष्टाचार का आरोप साल 2020 में सरकोजी पर भ्रष्टाचार के दो मामले दर्ज किए गए। 2021 में उन्हें एक जज को रिश्वत देने की कोशिश के लिए 1 साल की सजा मिली थी, जिसे उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक टैग के साथ पूरा किया था। 2024 में उन्हें 2012 के चुनाव में गैरकानूनी खर्च के लिए उन्हें 6 महीने की सजा मिली। उसी साल उनसे फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान ‘लीजन ऑफ ऑनर’ भी छीन लिया गया था। वर्तमान का मामला 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत के लिए लीबिया के तत्कालीन तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की अवैध फंडिंग से जुड़ा है। अदालत ने फैसला दिया कि सरकोजी ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर 2007 के इलेक्शन कैंपेन के लिए लीबिया से पैसे लेने की साजिश रची थी। हालांकि, यह साबित नहीं हो सका कि ये पैसा उनके कैंपेन में इस्तेमाल हुआ, इसलिए उन्हें भ्रष्टाचार जैसे अन्य आरोपों से बरी कर दिया गया। फिर भी, अदालत ने कहा कि यह साजिश गंभीर अपराध है, क्योंकि इससे लोगों का भरोसा टूटता है। सरकोजी को एक महीने के अंदर जेल जाना होगा। आधुनिक फ्रांस के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को जेल जाना पड़ेगा। हालांकि, कोर्ट ने सरकोजी को भ्रष्टाचार जैसे अन्य आरोपों से बरी कर दिया। 70 साल के सरकोजी ने फैसले को कानून के खिलाफ बताते हुए ऊपरी कोर्ट में अपील करने का ऐलान किया है। ————— ऐसी ही और खबरें पढ़ें… केंद्र ने सोनम वांगचुक को लद्दाख हिंसा का जिम्मेदार बताया:NIT श्रीनगर से इंजीनियरिंग, एजुकेशन रिफॉर्म के लिए रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड मिला; जानें पूरी प्रोफाइल केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलनकारियों और पुलिस की झड़प में बुधवार, 24 सितंबर को 4 लोगों की मौत हो गई। इसमें कम से कम 60 लोग घायल हुए हैं। पूरी खबर पढ़ें…