डोनाल्ड ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार मंगलवार, 16 सितंबर को अमेरिका और भारत में ट्रेड डील पर बातचीत हुई। इस बातचीत के लिए अमेरिका के असिस्टेंट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच एक डेलीगेशन के साथ भारत आए हैं। वहीं, भारत की ओर से कॉमर्स डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल की लीडरशिप में एक डेलिगेशन बातचीत में शामिल हुआ। भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में हुई मीटिंग में तय होगा कि ट्रेड डील पर छठे राउंड की बातचीत कब होगी। दरअसल, दोनों देशों के बीच ट्रेड पर छठे दौर की बातचीत 25 से 29 अगस्त के बीच होनी थी, लेकिन अमेरिका की ओर से भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने के कारण इसे टाल दिया गया था। इंटरनेशनल ट्रेड एनालिस्ट के रूप में करियर शुरू किया जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से MBA के बाद लिंच यूनाइटेड स्टेट इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन में एक इंटरनेशनल ट्रेड एनालिस्ट के रूप में काम करना शुरू किया। यहां उन्होंने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का आर्थिक विश्लेषण किया। फिर अमेरिकी कांग्रेस कमेटियों और USTR को अमेरिकी एक्सपोर्ट्स को प्रभावित करने वाले ट्रेड बैरियर पर सलाह दी। 2013 में USTR से जुड़े लिंच साल 2013 में यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव यानी USTR से जुड़े और एजेंसी के ऑफिस ऑफ एग्रीकल्चरल अफेयर्स में काम किया। यहां उन्होंने अमेरिकी एग्रीकल्चरल ट्रेड इंटरेस्ट को तमाम इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ाया। साथ ही, साउथ और सेंट्रल एशिया के देशों के साथ-साथ ताइवान, इजराइल, सेंट्रल अमेरिका, कैरिबियन, मेक्सिको, कनाडा और रूस के साथ एग्रीकल्चर से जुड़े बाइलेट्रल डायलॉग को लीड किया। लिंच मई 2016 से मार्च 2018 तक इंडिया के लिए ऑफिस ऑफ US ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव के डायरेक्टर रहे। यहां उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मैनेज किया। मार्च 2018 में वो साउथ और सेंट्रल एशिया के लिए डिप्टी असिस्टेंट US ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव बने। इस दौरान उन्होंने एग्रीकल्चर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सर्विसेज और इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स जैसे सेक्टर्स में काम किया। इस पद पर वो लगभग 5 सालों तक रहे। फिर उन्हें साउथ और सेंट्रल एशिया के लिए USTR का एक्टिंग असिस्टेंट बनाया गया। 2024 में साउथ और सेंट्रल एशिया के लिए USTR असिस्टेंट बने इसके बाद मार्च, 2024 में वो US ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस में साउथ और सेंट्रल एशिया के लिए असिस्टेंट बने। इस पद पर रहते हुए, वो क्षेत्र के 15 देशों के साथ US ट्रेड पॉलिसी के डेवलपमेंट और एग्जिक्यूशन की देखरेख करते हैं। इसमें अमेरिका-भारत ट्रेड पॉलिसी फोरम (TPF) का मैनेजमेंट और रीजनल पार्टनर्स के साथ ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फ्रेमवर्क एग्रीमेंट्स (TIFAs) के तहत होने वाली एक्टिविटीज का कोआर्डिनेशन भी शामिल है। ट्रंप के टैरिफ अटैक के चलते रुक गई थी बातचीत भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर 5 दौर की बातचीत पूरी हो गई थी, लेकिन छठे दौर की बात होने से पहले ही अमेरिका ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ अटैक किया था। पहले से लागू 25% टैरिफ को बढ़ाकर डबल यानी 50% कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता पर ब्रेक लग गया था।
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